मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ‘Boycott Maldives’ ट्रेंड से परेशान, भारत से की बड़ी अपील
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को भारत से एक महत्वपूर्ण अपील की। उन्होंने कहा कि भारत मालदीव के सबसे बड़े पर्यटन स्रोत बाजारों में से एक है और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में और अधिक भारतीय पर्यटक मालदीव का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक वार्ता के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुइज्जू ने कहा कि भारत और मालदीव के बीच संबंध सदियों पुराने हैं, जो हमारे इतिहासों में स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।
मुइज्जू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस वर्ष जनवरी में ‘Boycott Maldives’ का ऑनलाइन अभियान तेजी से फैल गया था। इस अभियान की शुरुआत तब हुई जब मालदीव के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बयान दिए थे। मुइज्जू ने कहा कि दोनों देशों के बीच जनसंपर्क संबंध लंबे समय से हमारे रिश्तों की नींव रहे हैं और इसे और मजबूत करने की आवश्यकता है।
‘Boycott Maldives’ अभियान और उसके प्रभाव
जनवरी 2024 में शुरू हुए ‘Boycott Maldives’ अभियान ने भारत और मालदीव के बीच संबंधों में अस्थिरता पैदा कर दी थी। यह अभियान तब शुरू हुआ जब मालदीव सरकार के कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान दिए। इस अभियान ने मालदीव के पर्यटन उद्योग पर भी प्रभाव डाला, जो उसकी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत से बड़ी संख्या में पर्यटक हर साल मालदीव जाते हैं, लेकिन इस ऑनलाइन अभियान ने इन संबंधों को चुनौती दी।
राष्ट्रपति मुइज्जू का बयान इस बात का प्रमाण है कि मालदीव सरकार भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए तत्पर है। उन्होंने न केवल भारत को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्रोत माना, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को भी महत्वपूर्ण बताया।
भारत-मालदीव के ऐतिहासिक संबंध
भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं। इन दोनों देशों के बीच न केवल भौगोलिक नजदीकी है, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी इनका गहरा संबंध रहा है। मालदीव एक प्रमुख पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ रणनीतिक दृष्टिकोण से भी भारत के लिए महत्वपूर्ण है। हिंद महासागर में स्थित इस द्वीपीय राष्ट्र के साथ भारत के लंबे समय से व्यापारिक और रक्षा संबंध हैं।
मुइज्जू ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि भारत-मालदीव के संबंध सिर्फ सरकारों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका विस्तार लोगों के बीच के संबंधों तक भी होता है। उन्होंने कहा कि भारत से बड़ी संख्या में पर्यटक मालदीव आते हैं और कई भारतीय यहां काम करके मालदीव की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं। इसके अलावा, मालदीव से भी बड़ी संख्या में लोग चिकित्सा, शिक्षा और अन्य आवश्यकताओं के लिए भारत आते हैं।
भारतीय पर्यटकों के लिए मालदीव की अपील
मालदीव के राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय पर्यटकों के लिए मालदीव एक आदर्श पर्यटन स्थल है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में और अधिक भारतीय पर्यटक मालदीव आएंगे। मालदीव अपनी सफेद रेत के समुद्र तटों, नीले पानी और अद्वितीय समुद्री जीवन के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। भारतीय पर्यटकों के लिए यह स्थल विशेष रूप से आकर्षक है, क्योंकि यह भारत के नजदीक है और यहां पहुंचना आसान है।
मालदीव सरकार की यह अपील इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पर्यटन मालदीव की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा स्तंभ है। कोविड-19 महामारी के बाद से मालदीव का पर्यटन उद्योग धीरे-धीरे उभर रहा है और ऐसे में भारतीय पर्यटकों का समर्थन इस उद्योग को फिर से मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
मालदीव के विकास में भारतीयों का योगदान
राष्ट्रपति मुइज्जू ने यह भी कहा कि मालदीव में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में देश के विकास में अपना योगदान देते हैं। ये भारतीय पेशेवर, शिक्षाविद्, डॉक्टर और अन्य विशेषज्ञ मालदीव की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करते हैं।
मालदीव में रहने वाले भारतीय न केवल अपने कार्यों के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करते हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देते हैं। यह आदान-प्रदान केवल व्यापार और पर्यटन तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी देखने को मिलता है।
मुइज्जू की पत्नी का भारत दौरा
मालदीव के राष्ट्रपति की पत्नी साजिदा मोहम्मद भी इस दौरे में शामिल थीं। उन्होंने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का दौरा किया और खाद्य सुरक्षा पर उनके प्रयासों की सराहना की। यह दौरा दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और समन्वय को दर्शाता है, जो कि सिर्फ राजनीतिक और व्यापारिक संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्रों में भी है।
भारत और मालदीव के बीच भविष्य के संबंध
राष्ट्रपति मुइज्जू के इस बयान से स्पष्ट होता है कि मालदीव सरकार भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘Boycott Maldives’ जैसे अभियानों से उपजी अस्थिरता को दूर करने के लिए उन्होंने भारतीयों से अपील की कि वे मालदीव की यात्रा करें और दोनों देशों के बीच के संबंधों को और मजबूत करें।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ताएं भी हो रही हैं। मालदीव के विकास में भारत की सहायता और दोनों देशों के बीच रक्षा और सामरिक सहयोग पर भी चर्चा हो रही है। यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में दोनों देशों के संबंध और भी मजबूत होंगे और वे एक-दूसरे के सहयोग से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करेंगे।